आगाज़

एक मित्र है डा. मुकुल श्रीवास्तव... ज्यादा पुराना तो नहीं पर नया भी नहीं.... मिला उसने कहा तेरा ब्लॉग नहीं है बुरा लगा... क्योंकि मैं भी टेक्नो मित्र टाइप का हूँ तो लगा ब्लॉग होना चाहिए तो बना लिया ब्लॉग
अब आपकी बारी है... बताएं क्या लिखूं और क्यों लिखूं
इन्तिज़ार रहेगा

आभार

शंभुनाथ

Comments

  1. इससे बहाने ब्लॉग तो बना बस अब आप लिखते रहिये

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  2. Duniya ki parvah mat karo sir, ye to aise hi kahti hai. Aap likhte raho kadra karne wale apne aap aa jaate hain. Suno sabki, vichar karo aur karo apne man ki - Subhash

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