रोके जा सकते हैं भूकंप !
आज मैं एक ऐसे विषय पर लिखने जा रहा हूं जिस पर यदि अमल कर लिया जाए तो भूकंप जैसी त्रासदी को नियंत्रित किया जा सकता है। मैं बात कर रहा हूं उस झटके की जिसने हम सभी को हिलाकर रख दिया था...फिजिकली भी और दिमाग़ी तौर पर भी... मैं आफिस से 18 जनवरी की रात को चलकर तक़रीबन 1.30 बजे घर पहुंचा...हाथ पैर धोकर सोने जा ही रहा था कि ऊपर पंखा झूलने लगा। नीचे बैड हिलने लगा। सभी को घबराहट में जगाया। मैं खुद भी घबराया हुआ था। अक्सर देखा गया है कि एक बड़े भूकंप के कुछ देर बाद भूकंप का दूसरा झटका भी आता है....लेकिन ऐसा हुआ नहीं। क्या अब नहीं आएंगे भूकंप ? इस भूकंप के झटके के बाद मुझे फिर से उस वैज्ञानिक की याद आ गई...जिसने भूकंप को हमेशा के लिए खत्म करने का सिद्धांत दिया था और अपने सिद्धांत को समझाने के लिए एक-एक चैनल, एक-एक अखबार के न जाने कितने चक्कर लगाए। सभी ने केवल नेताओं वाले आश्वासन के अलावा कुछ नहीं दिया। इसके बाद मैंने अपने चार वैज्ञानिक मित्रों से इस पर काम करने का आग्रह किया...जिसमें से दो भौतिक वैज्ञानिक इस काम में लग चुके हैं। ये विचार अपने...