फेशियल रिकंस्ट्रक्शन
आज हम आपको विज्ञान की एक ऐसी विधि के बारे में बताने जा रहे हैं जो ब्लाइंड मर्डर के बारे में महत्वपूर्ण सुरागों को खोज निकालने में खासी मददगार साबित हो रही है। ब्लाइंड मर्डर उसे कहते हैं जिसमें मृतक के बारे में कुछ भी अता-पता नहीं होता है। इस तरह की लावारिस बॉडी के स्कल को फिर से बनाकर उसको पहले वाला चेहरा देने की कोशिश की जाती है। व्यक्तिगत अपराध के अलावा आतंकवादी घटना या बॉम्ब ब्लास्ट की स्थिति में जब डीएनए टेस्टिंग या डीएनए मैचिंग नामुमकिन हो जाती है, तो ऐसे में फेशियल रिकंस्ट्रक्शन ही एकमात्र विकल्प होता है जो कि घटना की तह में जाने की एक कड़ी के रूप में काम करता है। हांलाकि दुनिया के कुछ विकसित देशों में काफी पहले से ही बहुत सी ऐसी तकनीक को विकसित कर लिया गया है जिनसे अनअडंटीफाई बॉडीस को पहचाना जा सकता है। लेकिन भारत में सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लैब, चंडीगढ़ में धीरे-धीरे विकसित इस मोडीफाई टेक्नीक की खासियत ये है कि यह कंप्युटर पर स्कल की थ्री डायमेंशल इमेज़ बनाता है..जिसे वैज्ञानिक हर एंगल से देख सकते हैं। इस विधि में सबसे पहले स्कल के जोड़ों और दांतों की स्थिति आदि से उ...