आंवला-एक रिसर्च

आंवला-एक रिसर्च

आंवला भारत का गज़ब का फल है।शायद ही कोई दूसरा फल इतना गुणकारी हो जितना आंवला है।इसके सेवन से कई रोगों से बचा जा सकता है। आंवला विटामिन सी का जबरदस्त भंडार है। साथ ही कई पौष्टिक तत्वों से लबालब भी है।अकेले आंवले में जितना विटामिन सी होता है दूसरे किसी फल में अब तक नहीं पाया गया है। ये बात लैब टेस्टिड है। एक सौ ग्राम ताजे हरे आंवले में आठ सौ मिलीग्राम विटामिन सी होता है। जो कि अमरुद से दौगुना और नीबू से बीस गुना ज्यादा है। एक खास बात और आंवले के सूखने पर भी इसका विटामिन सी नष्ट नहीं होता। यही एक ऐसा फल है जिसे कभी भी खाया जा सकता है। आंवले को अगर खाने का पक्का इरादा बना कर खाया जाए तो आप निश्चित तौर पर निरोग हो सकते हो। जैसे कि कुछ लोगों में शाराब पीने का एक खास गुण होता है...अगर उन्हें एक दिन शराब न मिले तो उनमें घबराहट हो जाती है...ठीक ऐसा ही दुर्गुण सभी को आंवला खाने के मामले में अपनाना चाहिए। फिर देखिए अपना स्वास्थ्य...शराब पीने की लत और आंवला खाने की लत का फर्क भी आप सभी को पता चल जाएगा। अब फिर से आंवले की रिसर्च पर आते हैं।
आंवला पीसकर पतला पेस्ट बनाकर इस्तेमाल करें। तीन-चार आंवले के रस को जूस में मिलाकर सुबह-सुबह पिएं। आंवले के साथ थोड़ा सा शहद मिलाकर खाने से गज़ब का फायदा होता है। इसके साथ ही आंवले के रस के साथ तीन-चार लहसुन की कलिया मिलाकर लेने से मुंह से संबंधित सभी तरह की बीमारियों से मुक्ति मिल जाती है। हां अगर दांत में केविटी या छेद हो गया है तो कुछ नहीं हो सकता लेकिन छेद होने से पहले नियमित आंवले का इस्तेमाल किया जाता रहे तो कभी भी दांतों में छेद होने की गुंजाइश नहीं रहेगी।


और अब सबसे अहम् बात आपके बालों और आंवले के संबंध की। अबतक की रिसर्च में पाया गया है कि वक्त से पहले बालों के सफेद होने को आंवला बिल्कुल रोक देता है। अगर बाल झड़ रहे हों तो उन्हें झड़ने नहीं देता। स्कल या खोपड़ी के खुश्क होने को रोकना आंवले का खास गुण है। बालों के पोषण के लिए जो तत्व चाहिए होते  हैं उसकी आपूर्ति आंवला ही सबसे बेहतर ढंग से करता है। साथ ही अगर आपके बाल सफेद हो भी चुके हैं तो उन्हें वापस कुदरती तरीके से काले करने की अगर किसी के पास कोई ताक़त है तो वो केवल आंवला ही है।


इसके अलावा ज्यादा पसीना आना रोकना आंवला अच्छी तरह से जानता है। भूख की कमी,कब्ज,मूत्र में जलन,हाथ पांव की त्वचा का फटना जैसी तक़लीफों को आंवला रोक देता है।

आंवले खाने से सुस्ती दूर हो जाती है साथ ही स्नायुमंडल पुष्ट होता है।
-वायु तक़लीफ
-जोड़ों का दर्द
-कमर दर्द
-थकावट
-दिल की कमजोरी
-फेफड़ों की कमजोरी
-मधुमेह(डायबटीज़)
ये कुछ ऐसी तक़लीफें हैं जिनको आंवला दूर कर सकता है बशर्ते आंवला खाने का पक्का इरादा बना तो आपको ही बनाना होगा। आंवले के इस्तेमाल से रक्त वाहिनियों (खासकर कॉरनेरी आर्टरी)में लचक बनी रहती है। साथ ही खून में कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ने से भी आंवला रोक देता है।


इस लिहाज से हाई ब्लड प्रेशर और दिल के रोगियों के लिए आंवला बिल्कुल अमृत ही है। रिसर्च में ये भी पाया गया है कि जिन लोगों को एक या दो बार दिल का दौरा पड़ चुका है वो अगर नियमित रुप से आंवला खाने लग जाएं तो आगे हार्ट अटैक का खतरा नहीं रहता। इसके लिए पिसा हुआ आंवला और आंवले का रस दोनों ही उपयोग किए जा सकते हैं।

आजकल जीवन की जिस तरह की रेलमपेल मची हुई है उसमें हम सभी मानसिक और शारीरिक तनाव के शिकार बने हुए हैं। इससे बचने के लिए कई तरह की दवाईयों को भी हम लोग लेते ही हैं। अब इन दवाईयों का विपरीत असर भी होता ही है। ये किसी से छिपा हुआ नहीं है। ये भारतीय रिसर्च बताती है कि आंवला खाने से तनाव से सहज मुक्ति और अच्छी नींद आती है। यही एकमात्र ऐसा पदार्थ है जो आपके शरीर और मन को हल्का रखते हैं।

किसी इंसान के धीरे धीरे बदसूरत होने के पीछ जो सबसे बड़ा कारण शरीर में खून की कमी होता है। शरीर में खून की कमी यानी एनीमिया। इस स्थिति में खून में मौजूद हिमोग्लोबिन कम हो जाता है। बस फिर क्या है आपका शरीर बेरौनक,चेहरा उदास हो जाता है। ऐसे मे काम आता है आंवला। आखिर आंवला खाने से होता क्या है..? दरअसल आंवला खाने से खून बढ़ता है...औऱ वो शुद्ध होता जाता है। जब रक्त कणिकाएं बढ़ जाएंगी तो चेहरे की खूबसूरती खूद-ब-खुद ही निखर आती है।

यानी कुलमिलाकर आपसे इस रिसर्च के ज़रिए मैं केवल यही कहना चाहता हूं कि आंवला एक ऐसा गुणकारी फल है जो कई रोगों से मुक्ति तो दिलाता ही है बल्कि सौंदर्यवर्धन की एक ऐसी बूटी है जिसके सेवन से शारीरिक व मानसिक शुद्धि होती है।



Research on Amla


  1. Hepatoprotective: Emblica officinalis is a constituent of many hepatoprotective formulations available in market. 50% alcoholic extract of Emblica officinalis and quercetin isolated from it produced significant hepatoprotection against country made liquor (CML) and paracetamol challenge in albino rats and mice respectively.
  2. Another study revealed that both the aqueous fruit extract and ascorbic acid could prevent the toxic effects induced by both metals Pb(NO3)2 or Al2(SO4)3.18H2O, but the extract was more effective than ascorbic acid alone.
  3. Hypolipidemic: Emblica officinalis juice is an effective hypolipidemic agent and can be used as a pharmaceutical tool in hyperlipidemic subjects.
  4. Feeding of Amla to the hypercholesterolemic rabbits for 12 weeks showed a two pronged effects, its feeding increased the lipid mobilization and catabolism and retarded the deposition of lipids in the extra hepatic tissues. The degree of atherosclerosis at the end of 12 weeks of Amla feeding was much lower when compared to the control group.
  5. The tissue lipid levels including Serum cholesterol, TG, phospholipid and LDL showed a significant reduction following Emblica officinalis juice administration. Emblica officinalis juice treated rabbits excreted more cholesterol and phospholipids, suggesting that the mode of absorption was affected.
  6. Anticlastogenic: A crude aqueous extract from the Emblica officinalis fruit following orally
    administration, exhibited significant protective action against damage induced by CsCl.
  7. Antacid: Clinical studies were conducted to investigate the effect of Emblica officinalis in amlapitta (gastritis syndrome). The drug was found to be effective in 85 per cent of cases.
  8. Cases of hyperchlorhydria with burning sensation in abdominal and cardiac regions and epigastric pain were also benefited with Emblica officinalis.
  9. Dyspepsia: The therapeutic efficacy of Amalaki in cases of dyspepsia was evaluated and the results clearly indicate the efficacy of Emblica officinalis, in relieving the dyspeptic symptoms as well as in promoting ulcer healing.
  10. Anticancer: Emblica officinalis, an excellent source of vitamin C (ascorbate) when administered orally, has been found to enhance natural killer (NK) cell activity and antibody dependent cellular cytotoxicity (ADCC) in syngeneic BALB/c mice, bearing Dalton's lymphoma ascites (DLA) tumor. An increase in life span (ILS) of 35% was recorded in tumor bearing mice treated with Emblica officinalis. These results indicated

    a) An absolute requirement for a functional NK cell or K cell population in order that Emblica officinalis can exert its effect on tumor bearing animals, and
    b) The antitumor activity of Emblica officinalis is mediated primarily through the ability of the drug to augment natural cell mediated cytotoxicity.
  11. In Kamasutra (The ancient Indian text book of Sex and Health,written in probably 2nd century AD) there are so many herbal parts described in the context of retaining sex-power and the first of them is the Amla.
  12. Emblica officinalis. The first of these is an ancient herb called amla (Emblica). The Kama Sutra says that if a man uses the extract of amla, he will make women desire him. Although this may seem dramatic, the Indian herbal tradition supports the notion that amla can be a powerful sex tonic.
  13. Indian herbal masters believed that the decrease in sexual desire that a man begins to experience in middle age was due to increased stress. Stress, in turn, was believed to cause a decrease in the essential nutrients in the body that promote a healthy sex life. Therefore, Indian herbal masters turned to amla, a pulverized fruit extract rich in dozens of essential nutrients, to revitalize sexual health.
  14. At the University of Delhi and the University of Rajasthan in India, two separate studies revealed that amla also seems to help maintain healthy cholesterol levels (Jacob 1988; Mathur 1996). Cholesterol can be a significant enemy of sexual health, because it can impede the all-important flow of blood to the genitals. Researchers therefore suggest that by maintaining healthy cholesterol, amla can support blood flow.
  15. A study conducted at the Department of Foods & Nutrition, Lady Irwin College, University of Delhi, New Delhi, India has demonstrated that the Indian Gooseberry (amla-Emblica officinalis, Gaertn.) can reduce high serum cholesterol levels. The effect on total serum cholesterol and its lipo-protein fractions of supplementation of the diet with the Indian gooseberry was studied in normal and hypercholesterolaemic men aged 35-55 years. The fresh gooseberry was eaten(un-cooked) for a period of 28 days. Both normal and hypercholesterolaemic participants showed a decrease in cholesterol levels. However, two weeks after withdrawing the supplement, the total serum cholesterol levels of the hypercholesterolaemic subjects rose significantly almost to initial levels.
Ref.
ICMR
BHU
FRI

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