तीसरी
कड़ी...
दोस्ती के 25 साल
Silver Jubilee Year 1990-2015
दूसरी
कड़ी से जारी...
पिछले 25 साल के इस दोस्ती के सफर में मेरे सबसे
प्रिय दोस्त गिरि का जिक्र मैंने किया, गिरि से मेरी दोस्ती बिल्कुल कृष्ण-सुदामा
वाली रही है, गिरि ने मुझे कभी व्यक्तिगत तौर पर अभाव का एहसास नहीं होने दिया,
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गिरि ने ही इस फोटो के पैसे दिए थे |
यही
गिरि की एक दोस्त के नाते सबसे भावुक करने वाली बात है, जो मुझे आज भी भावुक कर
देती है...
हालांकि वो अभाव जीवन में चलते हुए धीरे-धीरे समाप्त हो गया, लेकिन गिरि
से वो वाला नाता कभी खत्म नहीं हुआ...
आज भी गिरि मेरे लिए किसी अभिभावक से कम नहीं है... मैं चाहता हूं गिरि हमेशा मेरा अभिभावक बना रहे...
इस पड़ाव में कई दोस्त अपनी बड़ी-बड़ी भूमिका के लिए हमेशा जाने जाएंगे, कपिल कपूर-एक अच्छा दोस्त तो साबित हुआ, लेकिन उतना बेहतर मैनेजर साबित इसलिए नहीं हुआ, क्योंकि गिरि से कपिल का झगड़ा उत्तरकाशी आपदा ट्रिप पर एक छोटी सी बात को लेकर हुआ, जिसकों टाला जा सकता था हालांकि उसके
बाद कपिल कपूर ने खुद को, बीतते गए सालों में बिल्कुल बदल डाला, आज वो भी हमारे सद्भावना वाले कैमिकल के साथ, पूरी मजबूती लिए हुए जुड़ा हुआ है... और ज्यादा मजबूती के साथ...
राम किशन का जिक्र न हो तो, आगे की पीढ़ी को समझना मुश्किल हो जाएगा, राम किशन- एक बार गिरि के साथ एनसीसी कैंप अंबाला कैंट में गया हुआ था, गिरि ने जो राम की बात बताई, शायद किसी का छोटा भाई भी वो न कर पाए, जो राम ने गिरि के साथ व्यवहार रूप में किया, गिरि की मसल पुल हो गई थी, राम ने बाकायदा मालिश करके गिरि को आराम पहुंचाया... शायद राम और न ही गिरि ये बात कभी भूल सकते हैं...मुझे वो बात केवल गिरि के मुंह से पता चली और मैं आश्वस्त हो गया कि आगे वाली पीढ़ी भी सही डायरेक्शन पर है.
ऐसे ही घड़ौली नरेश संजीव कुमार हैं, हमारा NSS का कैंप दिल्ली के मीठापुर में लगा था, संजीव अपने खास मित्रों के साथ कल्याणपुरी से यू स्पेशल का विशेष प्रबंध करके रोजाना कैंप में शामिल लड़कियों को सुरक्षित मीठापुर पहुंचाता और वहां से वापस लेकर जाने की जिम्मेदारी संजीव ने बखूबी निभाई... इस तरह के
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पॉन्डिचेरी कैंप |
योगदान से ही आप सहज अनुमान लगा सकते हैं कि इन मित्रों ने किस तरह अपना दायित्व निभाया...
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गुजरात कैंप में नाटक का दृश्य |
किशोर कुमार, विक्रम सिंह, कुलसुम, नाजनीन, दूसरी पीढ़ी में इबादत हुसैन, मोहसिन ज़ैदी, जया शर्मा, राम किशन, नीरू रावत/मलिक, बीना पांडेय, हरिओम, वसंत नहाटा, फुरकान, सबरीना,गुले शादाब, मंसूफ... और न जाने कितने साथी इन
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पॉन्डिचेरी कैंप |
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शेखर भाई की शादी में NSS टोली |
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मनाली ट्रिप |
25 सालों के पड़ाव में साथ आए...
सभी का नाम लेना मेरे लिए चुनौती बनता जा रहा है...
अब उन टीचर्स की बात करते हैं जिन्होंने हमारी ज़िंदगियों को शेप
देने की भूमिका बखूबी निभाई... इनमें सबसे पहले मैं नाम लेना चाहूंगा
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दोस्तों के बीच कोहली सर |
श्री ए एस कोहली सर का, जिनका प्यार-दुलार शायद ही कोई भुला पाए,
कोहली सर के बाद राशिद सर भी पान खाते हुए याद आ जाते हैं,
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राशिद सर तलौद कैंप जागरुकता मार्च की अगुवाई करते हुए |
राशिद सर का रक्तदान के लिए प्रेरित करना मुझे तो आज तक नहीं भूला है, आज भी कभी ब्लड डोनेशन करना हो तो राशिद सर जरूर याद आते हैं...
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आणंद(गुजरात) कैंप में एमपी शर्मा सर |
श्री महेंद्र पाल शर्मा- हमारे सर, जिन्होंने मुझे व्यक्तिगत तौर पर एमए हिंदी के लिए प्रेरित किया, मुझ जैसे कई छात्रों को एमपी शर्मा सर ने प्रेरित किया, सर हम सभी के दोस्त बनकर ही रहे, सर के साथ गुजरात का कनकापुरा(आणंद) NIC कैंप हमेशा याद रहेगा...
NSS हम सभी के लिए परिवार जैसा रहा है, कुछ मायनों में तो ये परिवार से भी बड़ा रहा है, हमें बीते 25 सालों की स्मृतियों आज भी रोमांचित करती है... आज भी हम वही आंच महसूस कर सकते हैं, ये सब आपके सामने जो दिख रहा है, संकलन वगैरह- वह सब उसी का नतीजा है, इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि हमारे बीच एहसास का जो रिश्ता कभी NSS की वजह से बना, वो कितना प्रगाढ़ हो गया है...
मेरी तरफ से किए गए इस संकलन में यदि कोई गलती रह गई हो तो आप मुझे जरूर बताना, ताकि उस गलती को सुधारा जा सके...
आगे मैं आपको कुछ तस्वीरों की झलकियों के साथ छोड़े जा रहा हूं, ये इस लेखमाला की तीसरी कड़ी थी, आगे महसूस हुआ तो इसे और आगे बढ़ाया जा सकता है...
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अंसारी ऑडिटोरियम |
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मैस कमेटी के राजकुमार और राजकुमारियां |
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कैंप में खाना |
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उम्दा काम का रिजल्ट |
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कैंप के दौरान कुछ आराम के पल |
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उत्तरकाशी में आई आपदा के वक्त कोहली सर द्वारा जारी किया गया लैटर |
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वसंत ईद उत्सव 1995- की रिपोर्टिंग |
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राजेश जी का सम्मान |
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गिरि, राजेश औऱ चंद्रशेखर |
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शंभु, गिरि और राजेश |
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किशोर, राम और कपिल |
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गिरि,राजेश,चंद्रशेखर और सैनी |
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केके, राम |
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यादगार मनाली ट्रिप |
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शेखरभाई की शादी में युवा |
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युनिवर्सिटी में नए आने वाले छात्रों का मार्गदर्शन |
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शंभु और गिरि |
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गुजरात कैंप |
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श्रमदान- दांडी मार्ग पर |
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खंबात की खाड़ी |
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कैंप में खाना |
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कपिल,राजेश, राम और गिरि |
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अंसारी सर कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए |
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मस्ती के मूड में पांच दोस्त |
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कैंप के बाद रिलैक्स |
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आओ मिलकर खाएं गन्ना |
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शायद ही किसी ने ऐसा डांस देखा हो |
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कुलसुम, राजेश, राम और बीना |
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'सब कुछ बढ़िया चल रहा है न' |
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कोहली सर ऐसे ही मुस्कुराते रहते हैं |
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सभी को खुद ही पहचान लो |
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सभी को खुद ही पहचान लो |
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राजेश और मोहसिन |
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कुलसुम, बीना, राजेश और राम |
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अशोक, राजेश, करण, वसंत-सूचना करण की शादी हो चुकी है |
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अंसारी ऑ़डिटोरियम |
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सामुहिक गान |
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वक्त बदला, दोस्ती नहीं |
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राजेश, शंभु,राम,कोहली सर,वकार और इबादत |
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राष्ट्रपति भवन में राजेश जी |
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समूह गान |
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कोहली सर के साथ मस्ती |
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कई यादें समेटे हुए एक तस्वीर |
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इबादत, शंभु, राजेश, जया, मिस शर्मा और वकार |
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हिमाचली रूप में चार दोस्त |
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राम और जया को पहचानने की कोशिश करो |
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बीना,गुल और सबरीना |
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हेमंत पवार का कत्थक |
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तीन दोस्तों की हंसी |
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तीन दोस्तों की गंभीरता |
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लड़कपन बरकरार |
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संगीत का रस्सास्वादन |
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अशोक चक्रधर |
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साइड लाइट वाली मोटरसाइकिल |
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आज के मोहसिन |
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कैंप की तस्वीरे अखबार में |
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विदेशी भी सीखते हैं जहां मैत्रीभाव |
बहुत बढ़िया पोस्ट
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