खूनी भंडारा...अमृत की टपकती बूंदे
(मैंने आपसे वादा किया था कि आपको अब्दुल रहीम खानखाना की एक अद्भुत रचना यानी एक ऐसी इंजीनियरिंग से रुबरु कराउंगा...जो आज के इंजीनियरों को गज़ब की प्रेरणा दे सकता है। और कुछ इसी तरह का विकास हमें चाहिए जो केवल हमारे लिए ही न हो। बल्कि उसका फायदा आने वाली पीढ़ियों को भी भरपूर मिलता रहे। उसी कड़ी में पेश है ) ( मुग़लकालीन टेक्नोलोजी.....) खूनी भंडारा जो बुझा रहा है पीढ़ियों की प्यास...लगातार...बिना रुके...बिना थके... तक़रीबन 100 फीट ज़मीन के नीचे दुनिया की एकमात्र जिंदा ऐसी सुरंग है जो अमृत जैसा पानी देती है। जो नापती है 4 किलोमीटर लंबा सफर। हैरान होने के लिए इतना ही काफी नहीं है। पिछले 400 सालों से इसने कई पीढ़ियों की प्यास बुझाई है...आज भी ये सुरंग लाखों लोगों की प्यास बुझा रही है। यही है खूनी भंडारा का बाहरी हिस्सा ये जो आप कुओं की लंबी कतार देख रहे हैं ये कोई साधारण कुएं नहीं हैं। ये उसी खूनी भंडारे के निशान हैं जिसकी शुरुआत 400 साल पहले की गई थी। दरअसल इन कुओं के नीचे एक लंबी सुरंग है जो इनको 108 कुओं को आपस में जोड़ती है... ...
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